नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारत में आयुर्वेद के शीर्ष संस्थान अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और राष्ट्रीय उन्नत औद्योगिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान (एआईएसटी), जापान ने अकादमिक स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एआईएसटी जापान का प्रतिष्ठित और सबसे बड़े सार्वजनिक अनुसंधान संगठनों में से एक है, जो प्रौद्योगिकियों पर और इनोवेटिव तकनीकी बीजों तथा व्यावसायीकरण के बीच की खाई को “पाटने” पर ध्यान केंद्रित करता है।
इस एमओयू पर एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी और जीव विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के महानिदेशक डॉ. तामुरा तोमोहिरो ने हस्ताक्षर किए जो कि ऑनलाइन उपस्थित थे।
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ एआईआईए का उद्देश्य अपने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बढ़ावा देना है। ये समझौता ज्ञापन दोनों देशों को पारंपरिक दवाओं की भारतीय आयुर्वेदिक प्रणाली के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग और निर्माण क्षमता बढ़ावा देने में सक्षम करेगा। इन सभी गतिविधियों को आयुष मंत्रालय के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
प्रतिभागियों द्वारा लक्षित गतिविधियों के दायरे में आयुर्वेद के क्षेत्र की अनुसंधान गतिविधियां शामिल हैं। इनमें पारंपरिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों और प्रथाओं को एकीकृत करने के लिए साक्ष्य-आधारित दिशा-निर्देश विकसित करने के उद्देश्य से डिजाइन और निष्पादन में अध्ययन करना; चिकित्सा दिशा-निर्देशों के अनुरूप जापान में आयुर्वेद के उपयोग के लिए सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल को विकसित करना; प्रोजेक्ट-टू-प्रोजेक्ट आधार पर सहयोगियों द्वारा निर्धारित वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और कर्मचारियों का आदान-प्रदान करना; वैज्ञानिक प्रगति, उपकरणों और तकनीकों को हासिल करने की दिशा में आयुर्वेद में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सहयोगी गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी करना आदि शामिल हैं।
एआईआईए के पास इससे पहले जर्मनी की यूरोपियन एकेडमी ऑफ आयुर्वेदा, बर्नस्टीन; वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया; ग्राज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रिया; कॉलेज ऑफ मेडिकल, यूके; लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, यूके और फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो, ब्राजील के साथ एमओयू हैं।